Sunday, September 20, 2020

मोगरा : जो घर महका दे।

मोगरा एक प्रकार का पौधा है जिसके फूल छोटे छोटे सफेद रंग के साथ बहुत हीं खुशबूदार होते है । इसका वानस्पतिक नाम  “Jasminum sambac” है ।  मोगरा का फूल फिलिपिंस  देश का राष्ट्रीय पुष्प कहलाता है । संस्कृत भाषा में इस फूल को “मालती” और “मल्लिका” कहते हैं। इसकी खेती इसकी आकर्षक और मीठी सुगंधित फूलों के लिए व्यापक रूप से की जाती है।

मोंगर फूल के प्रजातियाँ / Varieties

मोंगरा फूल की 4 प्रजातियाँ पाई जाती है :-

बेला,
मोआत,
मदनमान,
पालमपुर


उचाई / Height

मोगरा का पौधा एक छोटा झाड़ी वाला पौधा होता है जो की ऊंचाई में 0.5 से 3 मीटर यानि की 1.6 से लेकर 9.8 फीट तक बढ़ता है।


मोगरा पौधे के पत्ते / Leaves

इसके पत्ते गोल शाखा पर एक ही जगह 3 से 4 उगते हैं । इसके के पत्ते या तो सदाबहार होते हैं या पर्णपाती। इसका तात्पर्य यह है कि या तो पत्तियां सदाबहार रहेंगी या परिपक्वता से गिर जाएंगी। इसके पत्तो के सांचों को मिट्टी में मिलाने से पौधे का विकास और भी बेहतर हो जाता है।

अनुकूल तापमान / Temperature

यह गर्म तापमान के लिए मध्यवर्ती में बढ़ता है। यदि रात का तापमान 0 डिग्री celsius  से कम हो जाए तो पौधे को बाहर से घर के अंदर ले आना बेहतर माना गया है ।

मोगरा पौधे का रोपण कैसे करे / Planting

मोगरा के सुगंधित फूल को 9 महीने तक प्राप्त करने के लिए इसके पौधे को किसी कंटेनर में या घर के बाहर जमीन में भी लगाया जा सकता है ।
इसके पौधे को कम से कम 14 इंच या उससे अधिक आकार का पॉट में लगाना सही रहेगा।
मोगरा के पौधे के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे सही रहता है ।
इसके पौधे को जून से नवंबर के दौरान लगाया जाना उचित माना गया है ।
यदि पौधे को ज़मीन पर लगाया जा रहा है तो पौधे से पौधे की दूरी लगभग 10cm की होनी चाहिए।
पौधे को रोपने समय इस बात का ख्याल रहे की इसके पौधे को मिट्टी के अंदर लगभग छह इंच गहरा रोपा गया हो ।
इसके पौधे को आंशिक छाया के साथ एक गर्म स्थान पर जहाँ सूर्य की रौशनी आती हो वहां लगाना उचित रहता है ।

पौधे की देखभाल / Take Care

इसके पौधे को नवंबर महीने के बाद पानी देना बंद कर देना चाहिए ।
फरवरी महीने के पहले इसके पौधे की लंबाई के आधे से छंटाई कर देना सही रहेगा ।
इसी समय पौधों की चट्टानों पर मिट्टी चढ़ाते है व गोबर की खाद 10-15 किग्रा की ओर झाड़ी की दर से देते हैं। वसंत के दौरान हल्के उर्वरक का भी दिया जाना चाहिए।
गर्मी के दिनों में भरपूर पानी दिया जाना चाहिए।
इस पौधों को दिन में कम से कम चार घंटे तक पूरी धूप प्रदान की जानी चाहिए।
कलियां आने के बाद हफ्ते भर के अंतराल पर फसलों की सिंचाई की जानी चाहिए ।


मोगरा फूल का उपयोग / Uses


मोगरा के सुगन्धित फूलो का उपयोग माला या फिर गजरे को बनाने के लिए भी किया जाता जिसे दिल्ली , बीकानेर , जयपुर के अलावा आदि कई शहरो में पसंद किया जाता है ।
इसके अलावा इस सुंगंधित फूल का इस्तेमाल इत्र बनाने के लिए भी किया जाता है ।
इसके फूलों को का इस्तेमाल देवी देवताओं की पूजा में भी किया जाता है ।

कुछ ख़ास बातें / Interesting Facts

मोगरा का लैटिन शब्द में जेसमिन संस्कृतमें ‘मालती’ और हिंदी में चमेली का फूल भी कहा जाता है | यह बेहद सुगन्धित पुष्प होती है |

मोगरा का पोधा सामान्यता लगभग 4 से 9 इंच और फैलाव 6 से 11 इंच तक होती है यह एक सदाबहार बेल झाड़ीनुमा पौधा होती है |

विशेषकर यह दक्षिण पूर्व एशिया, भूटान के हिमालय के पास , पाकिस्तान, भारत और कई अन्य देशो में भी पाई जाती है |

मोगरा फूलों इत्र बनाने और चाय बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसे अंग्रेजी में अरेबियन चमेली के नाम से भी जाना जाता है।

फिलीपींस देश का राष्ट्रीय फूल है, जिसे सम्पागिता के नाम से भी जाना जाता है।

मोगरा का फूल मुखुयता आकर्षक सफेद रंग का होता है | वर्ष भर इसके पुष्प खिलते है और शाखाओं के सिरों पर एक साथ से 3 से 11 के समूहों में लगते है |

पतियों का आकार 4 से 11.5 सेमी लंबी और 2 से 6.5 सेमी तक चौड़ी होती हैं।इसकी पतिया चिकनी और चमकदार होती हैं।

मोगरा का उपयोग अगरबत्ती और इत्र बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भारत में महिलाये गजरे बनाने में किया करती है |

Monday, September 14, 2020

मनी प्लांट लगाने के नियम

जानें मनी प्लांट की देखभाल के आसान तरीके ।

फेंग शुई की माने तो घर में अगर मनी प्‍लांट लगाया जाए तो घर में बरक्‍कत बनी रहती है। इसे उगाने के लिये ज्‍यादा ताम-झाम भी नहीं करनी पड़ती । मनी प्‍लांट को घर में भी लगा सकते हैं और बगीचे में भी। हां, पर इसका यह मतलब नहीं है कि आपको इस पर बिल्‍कुल ध्‍यान देने की जरुरत नहीं है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में लगाया हुआ मनी प्‍लांट अच्‍छी तरह से ग्रो करे तो, उसके लिये आपको उसे धूप दिखानी पडे़गी। इसके अलावा और भी कुछ खास टिप्‍स हैं, जो आपके मनी प्‍लांट की ग्रोथ बढा कर घर में मनी ही मनी कर देगा। तो ध्‍यान से पढे़-

मनी प्‍लांट की ग्रोथ कैसे बढाएं

बोतल का प्रयोग- 

     अच्‍छा होगा कि मनी प्‍लांट को सबसे पहले किसी बोतल में लगाया जाए। जब उसकी जड़े निकल आएंगी तब उसे किसी गमले में लगा दिया जाए। इससे वे जल्‍दी उगेगें।

पानी की जरुरत-

     मनी प्‍लांट में ज्‍यादा पानी नहीं डालना चाहिये। इन्‍हें उगने के लिये ज्‍यादा पानी की आवश्‍यकता नहीं होती। सर्दियों में हफ्ते में 2-3 दिन बार गमले में पानी डालें और गर्मियों में हफ्ते में 6-7 दिन ।

 डायरेक्‍ट सूरज की धूप-

     मनी प्‍लांट को सूरज की धूप बहुत पसंद है। आप उसे खुली खिड़की पर रखेगें तो आप पाएंगे कि वह सूरज की ही ओर ग्रो कर रहा होगा। इसलिये मनी प्‍लांट को रोज तो नहीं पर फिर भी एक-एक दिन छोड़ कर धूप दिखाएं।

 खाद का प्रकार- 

    इसमें आप किसी भी प्रकार की खाद प्रयोग कर सकते हैं।

 उप्‍पर बांध कर रखें- 

     प्‍लांट के तने को किसी लकड़ी या प्‍लास्‍टिक के खंबे के साथ बांध दें तो यह जल्‍द बढे़गा।

कटिंग- 

     प्‍लांट की सूखी पत्‍तियां और लतों को काट कर आप उनकी ग्रोथ को बढा सकते हैं।

वास्‍तुशास्‍त्र के अनुसार मनी प्‍लांट लगाने के न‍ियम

          मनी प्‍लांट को लगाने का आशय ही यह होता है कि व्‍यक्ति सुख-संपन्‍नता चाहता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि मनी प्‍लांट लगाने के बाद खर्चे बढ़ते ही जाते हैं। तमाम तरह के आर्थिक नुकसान होने लगते हैं। क्‍या आप जानते हैं कि ऐसा क्‍यों होने लगता है? दरअसल वास्‍तुशास्‍त्र में मनी प्‍लांट को लेकर कुछ खास टिप्‍स बताए गए हैं। मान्‍यता है कि इन्‍हें फॉलो करने से धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं…

      मनी प्‍लांट इस दिशा में ही रखें

वास्‍तु के अनुसार जब कभी भी मनी प्‍लांट लगाना हो तो उसकी प्‍लेसिंग ठीक से करें। ध्‍यान रखें कि मनी प्‍लांट को हमेशा आग्‍नेय दिशा यानी कि दक्षिण-पूर्व में ही लगाना चाहिए। इसके पीछे कारण यह है कि इस दिशा के देवता श्रीगणेशजी है, जो सभी विघ्‍नों के नाशक हैं। यह सबसे शुभ दिशा मानी जाती है। इस दिशा में रखने से कभी भी धन की कमी नहीं होगी। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आएगी।


      गलती से भी इस दिशा में न रखें

वास्‍तु में जिस तरह मनी प्‍लांट को रखने की सही दिशा आग्‍नेय बताई गयी है। वैसे ही ईशान द‍िशा यानी कि उत्‍तर-पूर्व में इसे रखने की मनाही है। कहा जाता है कि इस दिशा में मनीप्लांट रखने से आपको भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। यह आर्थिक और समाजिक दोनों ही हो सकता है। ध्‍यान रखें इस दिशा में मनी प्लांट रखने पर आपको धनहानि के साथ-साथ रिश्तों में भी तकलीफें झेलनी पड़ सकती हैं।

     मनी प्‍लांट यहां तो हरगिज न लगाएं

मनी प्‍लांट को लेकर वास्‍तुशास्‍त्र में बताया गया है कि इसे कभी भी घर के बाहर न रखें। हमेशा अंदर ही रखना चाहिए। साथ ही कोशिश करें कि इसे ऐसी जगह रखें, जहां दूसरों की सीधी नजर इसपर न पड़े। इसका कारण यह है कि कुछ लोगों की नजरें काफी खराब होती हैं। इससे कई बार मनी प्‍लांट सूखने लगता है या फिर बढ़ता ही नहीं। इसलिए इसे घर के अंदर ही लगाएं।


      ऐसी पत्तियां हों तो आती है सुख-समृद्धि में बाधा

मनी प्‍लांट की पत्तियां अगर सूखने लगें तो उसे तुरंत ही हटा दें। ध्‍यान रखें कि मनी प्‍लांट की पत्तियां कभी जमीन को न छुएं। यदि ऐसा हो तो उसे किसी का सहारा देखकर ऊपर की ओर चढ़ाएं। ताकि आपको धन हान‍ि न हो। कहा जाता है जमीन छूती पत्तियों से सुख-समृद्धि में तो रुकावट आती ही है साथ ही यह सफलता में भी बाधक है।

Friday, September 11, 2020

गुलाब - महक जाएगा आपका घर

अगर आप घर सजाने के शौकीन हैं तो गुलाब का कम से कम एक पौधा तो आपके घर जरूर होगा और इसमें खूब सारे फूल खिलते भी देखना चाहते होंगे. तो इसके लिए रसायनिक खाद की बजाय प्राकृतिक खाद का इस्तेामाल करें. घर में मौजूद कुछ चीजें ही घर में खूबसूरत गुलाब महकाने के लिए काफी हैं. 

गुलाब को फूलों का राजा भी कहा गया है। यह फूल भारत के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में उगाया जाता है। दूसरे अन्य फूलों की तुलना में गुलाब का व्यावसायिक महत्व सबसे ज्यादा है। गुलाब बहुवर्षीय पौधा है। इस पौधे को रोपते समय वातावरण का ठंडा होना जरूरी है।

सूरज की रोशनी का गुलाब के पौधों पर गहरा असर होता है। इसे तेज धूप की जरूरत होती है, लेकिन ज्यादा प्रकाश की तीव्रता और कम तापमान में इसमें फूल नहीं आते। इसके अलवा भी गुलाब का पौधा लगाते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।


  जानिए इस बारे में -

1-मिट्टी हो ऐसी

गुलाब को बलुई, दोमट मिट्टी, जिसमें कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भरपूर हो, की जरूरत होती है।

चिकनी मिट्टी में गुलाब फलता फूलता नहीं है। इसमें गोबर की खाद, फास्फोरस, पोटाश और दूसरे पोषक तत्व को मिलाकर मिट्टी तैयार करनी चाहिए। मिट्टी में गोबर की खाद और अन्य उर्वरक मिलाने के बाद भुर-भुरी होने पर क्यारी बनानी चाहिए और पौधे के लिए मिट्टी को नम रखना चाहिए।

2-लगाने का तरीका

वैसे तो गुलाब के फूलों को सुखाकर उनके बीज तैयार किए जाते हैं। लेकिन इसे गुलाब की कलम द्वारा भी लगाया जा सकता है। यह सबसे सरल और कम लागत वाली विधि है। इसके द्वारा पौधा लगाने वाले खुद पौधा बना सकते हैं और एक साल पुरानी गुलाब की कलमों का इस्तेमाल किया जाता है। कलम लगाने के बाद उनमें अच्छी तरह जड़ें और तना विकसित होने के बाद उन्हें दूसरे स्थान पर रोपित करना चाहिए।

3-सिंचाई-देखभाल

पौधे रोपने के बाद गुलाब के पौधों को फुहार विधि से सींचना चाहिए। अगर पौधे गमले में लगाए हैं तो उन पर ऊपर से पानी का छिड़काव करना चाहिए। इससे पौधों में शाखाएं जल्दी फूटती हैं।

पानी की मात्रा पौधे की वृद्धि और सूर्य की रोशनी की तीव्रता पर निर्भर करती है। गुलाब के पौधे में अधिक पानी की जरूरत होती है। गुलाब के पौधों में पानी सुबह 9 से शाम 3 बजे के बीच देना चाहिए।

गुलाब के पौधों की वृद्धि के लिए अन्य पौधों की भांति नाइट्रोजन युक्त खाद देनी चाहिए इसके अलावा खाद में नाइट्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, सल्फर जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व गुलाब के फूलों के लिए अति आवश्यक हैं।

समय-समय पर इनमें आने वाली खरपतवार निकाल देनी चाहिए और मिट्टी की निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए। गुलाब की डंडियों को सीधा रखने के लिए इन्हें सहारा देने के लिए लोहे के या प्लास्टिक के पाइप लगाने चाहिए।


4. अगर आपके पास कॉफी सीड्स हैं तो इनको दरदरा पीसकर गुलाब के पौधों के लिए खाद के रूप में इस्तेमाल करें. इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, नाइट्रोजन और दूसरे जरूरी तत्व मौजूद होते हैं जो पौधों को बढ़ने में मदद करते हैं.

5. सफेद सिरके का इस्तेमाल आप मिट्टी की अम्लीयता को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं. गुलाब के पौधे के विकास के लिए अम्लीय मृदा काफी अच्छी होती है.  इसके साथ ही दूसरे पोषक तत्वों को भी खाद में शामिल करें.

6. जिस तरह केला हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है, उसी तरह केले का छिलका गुलाब के पौधों के लिए. इसमें पोटैशियम की पर्याप्त मात्रा होती है. केले के छिलकों को मिट्टी में कुछ नीचे दबा दीजिए. इससे पौधों की ग्रोथ अच्छी होगी और फूल भी  खूबसूरत आएंगे।

7. अगर आपके घर में अक्वेरियम है तो सप्ताह में एकबार तो उसका पानी चेंज करते ही होंगे. इस पानी को फेंकने की बजाय गुलाब के गमलों में डाल देने से पौधे व फूल अच्छे रहते हैं.

8. गुलाब के पौधों को कैल्शियम की भी भरपूर आवश्यकता होती है जो अंडे के छिलकों में मिलता है. तो अंडे के छिलकों को कूड़े में फेंकने से बेहतर है कि इनका चूरा बनाकर मिट्टी में मिला दें. यह गुलाब के पौधों के लिए बेहतर खाद साबित होगा.

Thursday, September 10, 2020

किचन गार्डन

      घर में बगीचा रखने के शौकीन लोगों के लिए बारिश का मौसम एकदम सही मौसम है। इस मौसम में आप बागवानी का भरपूर मजा ले सकते हैं, साथ ही प्रकृति की खूबसूरती महसूस करने का यह सबसे अच्छा समय है। इस बारिश में यदि आप अपने घर में किचन गार्डन तैयार कर लें तो बात ही अलग है! इससे सौंधी सी महक घर में फैल जाएगी और साथ ही आप घर पर लगाई हुए सब्जियों व मसालों का स्वाद अपने खाने में भी ले पाएंगे। यदि आपके पास खाली जमीन भी न हो तब भी गमलो में लगा सकती है आप ये पौधे।

 
तो आइए, 
       जानते हैं कुछ ऐसे ही पौधों के बारें में, जिन्हें लगाकर आप अपना किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। इन पौधों को लगाना भी काफी आसान है।
 
1. पुदीना : 
       इसे लगाना बहुत आसान है। पुदीना की पत्तियों को निकालकर बची हुई जड़वाली डंडियों को अपने गमलों में खोंस दीजिए। बस कुछ ही दिनों में हरा-हरा पुदीना लहलहाने लगेगा।

2. धनिया पत्ती : 
    एक मुट्ठी पुराना धनिया लेकर उसे लकड़ी के गुटके से मसल लें। जब वह दो भागों में टूट जाए तब उसे अपनी क्यारी में फैला दीजिए।

 
3. हरी मिर्च : 
        इसे उगाने के लिए आपको छायादार जगह की जरूरत होगी। सूखी मिर्च से बीजों को निकालकर क्यारी या गमलों में छिड़क दें।

4. अदरक
अगस्त-सितंबर में इसकी बुवाई होती है। यह अपनी जड़ों में लगता है। पुरानी अदरक की गाँठों की थोड़े-थोड़े अंतराल पर बुआई कर दें। इस पर पानी देते रहें। कुछ दिनों बाद आपकी क्यारी में हरे रंग की पत्तियां निकल आएंगी।


 
5. अजवाइन :
 इस पौधे को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। अजवाइन को क्यारियों में डाल दें, इसे उगाने के लिए बस इतना ही काफी है।
 
6. सौंफ : 
 
 मसालों की रौनक सौंफ है। बस चौड़े गमलों में सौंफ छिड़क दीजिए। इसकी बिलकुल बारीक लहराती हरी-भरी खुशबूदार पत्तियां ऊपर से कच्ची सौंफ के सुंदर गुच्छे आ जाएंगे।
 
7. इसके अलावा जीरा, तुलसी, मीठा नीम (कड़ी पत्ता) जैसे पौधे आप अपने घर में उगा सकती हैं। पेड़ छोटे हों या बड़े, इनकी देखभाल की बहुत जरूरत होती है। इन पर आपके प्यार और स्नेह का भी असर होता है। अतः प्रकृति के साथ संवेदात्मक और प्यारभरा रिश्ता बनाए रखिए, क्योंकि ये नन्हे पौधे आपके सभी भावों के प्रति सजग होते हैं। बस इस तरह सजाइए अपना किचन गार्डन।

तुलसी का पौधा - तुलसी की ऐसे करें देखभाल।

   तुलसी का पौधा 

    
 तुलसी का महत्व
       भीषण गर्मी का मौसम हो या फिर सर्दी का तुलसी के पेड़ को खास देखभाल की जरूरत होती है। तुलसी को हिंदू धर्म में विशेष दैवीय पौधे का दर्जा प्राप्‍त है, जिसे बहुत ही खास और चमत्‍कारिक पौधा माना जाता है। तुलसी के पौधे की सेवा करने से भगवान विष्‍णु भी प्रसन्‍न होते हैं। इसके अलावा औषधीय गुण भी तुलसी में बहुत ही खास होते हैं। इसके प्रयोग से कई रोग दूर होते हैं और साथ ही सुबह के वक्‍त तुलसी के सामने बैठकर प्राणायाम करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ऑक्‍सीजन की कमी भी दूर होती है। गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ जाने से कई बार यह झुलस जाती हैं, इसलिए इन्‍हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है। आज हम आपको बताएंगे गर्मियों में तुलसी की देखभाल करने के खास उपाय…
तुलसी पर लगी मंजरी
                           तुलसी के पोधे के बडे़ होने पर उसमें फूल आने लगते हैं। इसे मंजरी कहते हैं। जब यह मंजरी पक जाए तो इसे तोड़ लेना चाहिए। वरना तुलसी के पौधे में चींटियां और कीड़े लग जाते हैं और पौधा पूरी तरह से खराब हो जाता है। इन मंजरी में से काले-काले बीज निकलते हैं और इन्‍हें संभालकर अपने पास रख लें। सर्दियों के मौसम में जब तुलसी का पेड़ सूख जाता है तो इस बीज को मिट्टी में डाल देने पर उससे नए पौधे आ जाते हैं। इन पौधों को आप अलग-अलग गमलों में लगा सकते हैं।

कहाँ पर लगाये तुलसी का  पौधा-
                गर्मियों में तुलसी के पौधे को ऐसे स्‍थान पर रखना चाहिए जहां कुछ वक्‍त के लिए छाया रहे और कुछ वक्‍त के लिए धूप। पूरा दिन धूप में रखने से तुलसी के पौधे मर जाते हैं। तुलसी के पौधे में रविवार को छोड़कर सुबह और शाम दोनों वक्‍त पानी देना चाहिए। वरना ये सूख जाएंगे। अगर आपके घर में कच्‍ची जमीन हो तो बेहतर होगा कि गमले की बजाए कच्‍ची जमीन में लगाएं।

तुलसी हटाती है वस्तु दोष- 
                वास्‍तु में भी तुलसी के पेड़ का विशेष महत्‍व बताया गया है। अगर आपके व्‍यापार में कुछ समस्‍याएं आ रही हैं तो आप पूर्णिमा के दिन तुलसी को कच्‍चा दूध चढ़ाएं तो आपके सामने आ रही पैसों की समस्‍या भी दूर हो जाएगी और आपके व्‍यापार में फिर से पैसों का रोटेशन होने लगेगा। पूर्णिमा के दिन आप तुलसी के पेड़ के सामने सुबह और शाम को दीपक जलाएं। इससे आपके घर में भी बरकत होगी और सभी प्रकार की बाधाओं से भी निजात मिलेगी।
              अगर परिवार के सदस्‍यों की आपस में नहीं पटती है और किसी वजह से विवाद रहता है तो आपको रसोई के पास तुलसी का पेड़ रखना चाहिए और सुबह की पूजा और शाम की पूजा के बाद तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से परिवार के लोगों के बीच में आपस में प्‍यार बढ़ेगा और लड़ाई खत्‍म होगी।

पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा रखने का महत्व- 
               अगर आपके घर के बच्‍चे माता-पिता का कहना नहीं मानते हैं और घर में पैसों की तंगी बनी रहती है तो पूर्व दिशा में तुलसी को पेड़ रखें। ऐसा करने से बच्‍चे बड़ों की बातें मानने लगते हैं। आपके घर में पैसों की आवक भी बढ़ जाती है। घर में पैसों की वजह से फिर आपका कोई काम नहीं रुकता। पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा मानने की वजह से इस दिशा में तुलसी का रखना सर्वदा सुखदायी माना जाता है।

कन्या के विवाह में यदि देरी हो रही हो - 
      अगर घर में कोई कुंवारी कन्‍या है और उसके विवाह में देरी हो रही है और सुयोग्‍य वर नहीं मिल पा रहा है तो दक्षिण-पूर्व में तुलसी का पेड़ लगाएं और रोजाना उसमें जल देने से कन्‍या के विवाह के मार्ग प्रशस्‍त होंगे। पूर्व की ओर मुख करके तुलसी के पत्‍ते खाने से स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं।

Monday, August 10, 2020

घर में सुख समृद्धि बढ़ाने के लिए जानें गेंदा का पौधा लगाने का सही तरीका

 पूजा-पाठ के लिए हम अक्सर गेंदे के फूलों की माला का उपयोग करते हैं। साथ ही इसका इस्तेमाल त्योहारों में घर की साज-सज्जा में भी किया जाता है। आप चाहें तो गेंदे के इन फूलों से अपनी बगिया की खूबसूरती भी बढ़ा सकती हैं।


पीले, संतरी और इन्हीं रंगों के अलग-अलग शेड वाले गेंदे के फूल आपकी बगिया को खूबसूरत बनाते हैं। यह एक ऐसा फूल है, जो पहले सिर्फ मैक्सिको में ही उगाया जाता था, आज यह दुनिया के ज्यादातर देशों में उगाया जाता है। इस फूल की सबसे बड़ी खूबी है कि इसे बहुत कम देखभाल में, कहीं भी, आसानी सेलगाया जा सकता है।

कई तरह की किस्में हैं मौजूद अफ्रीकी, फ्रांसीसी मैरीगोल्ड को टैगिट्स कहा जाता है। अफ्रीकी मैरीगोल्ड का पौधा 2 से 5 फीट की लंबाई का होता है, इसके फूल पीले और नारंगी रंग के होते हैं।कहीं-कहीं इसका गहरा संतरी रंग गहरी लाली लिए होता है। फ्रेंच मैरीगोल्ड, जिसे टैगिट्स पैचूला कहा जाता है, इसकी भी कई किस्में होती हैं। इसका पौधा 5 से 18इंच तक लंबा होता है। इसमें पीले, संतरी और महोगनी रंग के फूल आते हैं, जिनका व्यास 2 इंच तक होता है। सिगनेट मैरीगोल्ड का इस्तेमाल व्यंजनों में केसरके स्थान पर किया जाता है। यह किस्म दूसरी मैरीगोल्ड से बिल्कुल अलग होती है। इसके फूल पीले और लाल रंग के होते हैं।

हाइब्रिड गेंदा है पॉपुलर आजकल गेंदा को हाईब्रिड करके भी लगाया जाता है, जिसके फूल क्रीम, ब्रगंडी और अन्य रंगों के होते हैं। मैरीगोल्ड की अलग-अलग प्रजातियों की लंबाईअलग-अलग होती है। यह 4 से 6 इंच से लेकर 18 इंच तक लंबे होते हैं। यह सूरज की पूरी रोशनी में खिल उठते हैं और गर्मी के मौसम में खूब खिलते हैं। ऐसे लगाएं गेंदा यह एक ऐसा फूल है, जिसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती। मिट्टी का पीएच स्तर 6 होना चाहिए और इसे बहुत ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं होती। इसेबीज द्वारा उगाया जाता है। बीज बोने के 6 से 8 सप्ताह के भीतर इनके अंकुर फूट आते हैं। अगर खुले स्थान पर बीजों को डाल दिया जाता है तो सूरज की तेजधूप में ही यह उगने लगते हैं। इसके बीज नर्सरी से भी खरीदे जा सकते हैं।

उगने के बाद इन्हें नियमित पानी दें और ज्यादा दिन तक सूखा न रखें, ज्यादा गर्मी मेंइन्हें प्रतिदिन पानी दें। जमीन के भीतर अगर इनकी जड़ें मजबूत हो जाती हैं तो इन्हें गमलों में रोप सकते हैं। इन्हें ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती लेकिन बहुतकम खाद में भी इनके फूल पूरे नहीं खिलते। इनमें कीड़े लगने का खतरा नहीं होता, लेकिन इन्हें नमी से बचाना जरूरी होता है।

गार्डन बॉर्डर पर लगाएं गेंदा यानी मैरीगोल्ड को बड़े गार्डन में बॉर्डर पर ज्यादा लगाया जाता है। इस तरह इसके रंग-बिरंगे फूल बगिया को खूबसूरती देते हैं। इन्हें दूसरे फूलों के बीच मेंलगाकर अपनी बगिया को रंग-बिरंगा बनाया जा सकता है। इन्हें कंटेनर में भी लगा सकते हैं।


मोगरा : जो घर महका दे।

मोगरा एक प्रकार का पौधा है जिसके फूल छोटे छोटे सफेद रंग के साथ बहुत हीं खुशबूदार होते है । इसका वानस्पतिक नाम  “Jasminum sambac” है ।  मोगरा...